RAS RANG BHRAMR KA WELCOMES YOU

Saturday, February 19, 2011

"फूल अगर कांटा बन जाये " A COLLECTION OF HINDI POEMS BY BHRAMAR(KAVITA)

फूल अगर कांटा बन जाये "

फूल अगर कांटा बन जाये
स्वागत घर में जो भी आये,
एक चुभन तो ले हे जाये,
किलकारी शिशु की शिशकन तो,
सजी सेज शैय्या भीष्म की,
डोली में कांटे जो जाएँ,
दिल तो तार तार हो जाये ,
गोद भराई में जो कांटे,
अपने ही अपनों को बांटे,
क्या कोमल मन हँसे हंसाये?
फूल अगर काँटा बन जाये.

surendrashuklabhramar
१०.५.२०१० ९.३५ मध्याह्न

No comments: