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Sunday, February 27, 2011

"परसो" हे तजुर्बेकार -PARSO HEY TAJURBEKAAR-SHUKLABHRAMAR-KAVITA-HINDI POEMS

"परसो" हे तजुर्बेकार -
पहले आचार -मिर्ची ???
रोटी -दाल-भात ...
पूड़ी -कचौड़ी-
फिर नमक 'सुपाच्य"
 
हर चीज की अहमियत है
अपनी 'मांग'
समय पर - समय है बलवान 
मिठाई तो सबको पसंद है 
हर दिल को भाये 
शुरू से अंत तक 
क्या वही परसा जाये ???
 
जो लोगों को आकर्षित करे-
खींच लाये
बाजार गर्म करे -जेब भरे -
लाखों को तिल तिल रुलाये .
 
कराहते -मरते लोगों को -
परसो तो दावा- सहायता
तमाशा -फोटो -विडिओ
कितना जायज है -भाई बता .
 
जलते हुए घर में प्यासे को
परसो -पानी
न फोटो -न मिर्च मसाला
हे अज्ञानी .
 
विश्वास कर लेंगे लोग तेरी
कहानी. जली -राख और
बुझा -चेहरा देख
कैसे लगी आग- और
कैसे बरसा पानी .
 
बहिष्कृत -उपेक्षित अँधेरे में भटके
दुबके-जीते-कराहते- गोली खाए
लोगों में जीवन -दुआ - प्यार परसो.
घृणा -कलंक -इतिहास -
नफरत न परसो
जेठ की दुपहरी नहीं - सावन सा
झूम झूम बरसो .
 
पोथी -कुरान -रामायण -बाइबिल
को दूर रख दो
मंदिर में -मस्जिद में -
चर्च -गुरूद्वारे में
ऊँचे रख - शीश झुका -
सबका सम्मान कर दो
 
तिनका -घोंसला -आश्रय ठिकाना
बीन -बीन -चुन -चुन परसो
बना दो नया मंच
एक "मानव" का "प्रेमी" का
इंसा -इंसानियत का
"पावन" एक यज्ञ करो
"साथ में " बिठा दो
"लंगर" चला दो 
मधुर गीत " शहनाई" 
थोडा सा चटपट 
और इतनी मिठाई 
परसो - जो 
इन्हें      पचे
हे तजुर्बेकार !!.
सुरेन्द्रशुक्लाभ्रमर
२७.२.११ जल पी बी 
६.५० पूर्वाह्न . 




kal fir aayenge aur koi kachchi kaliyan chunne vaale..ham sa behtar kahne vaale tum sa behtar sunne vale-Bhrmar ..join hands to improve quality n gd work

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